धारा 458 क्या है? | 458 IPC in Hindi | धारा 458 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

धारा 458 IPC in Hindi

धारा  458 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC) के अंतर्गत हमला या अवरोध की तैयारी के करके रात में गृह-अतिचार या गृह-भेदन करना एक गंभीर अपराध है, जिसे भारतीय कानून ने धारा 451 आईपीसी के तहत शामिल किया गया है। इस तरह के अपराध समाज और व्यक्तिगत स्तर पर बेहद गलत प्रभाव डालते हैं। IPC की धारा 451 इस तरह के अपराधों पर रोकथाम लगाती है, ताकि समाज में सुरक्षित माहौल बना रहे। 

धारा 458 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 458 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति व्यक्ति को क्षति पहुँचाने या उस पर हमला या अवरोध की तैयारी के करके रात में छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करता है या ऐसा करने का प्रयास करता है, तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को भारतीय कानून के अनुसार गंभीर अपराध में दोषी माना जाएगा। 

धारा 458 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 458 के अंतर्गत, रात में गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करके किसी पर हमला करना या क्षति पहुंचाने जैसे अपराधों के लिए भारतीय कानून प्रणाली में एक निश्चित सजा का प्रावधान है। IPC में इस तरह के अपराधों के लिए किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे चौदह साल तक बढ़ाया जा सकता और इसके साथ ही आर्थिक दंड के रूप जुर्माने का भी प्रावधान है।

अपराध

क्षति, हमला या अवरोध की तैयारी करके रात में गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन करना

दंड

14 साल का कारावास और आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 458 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 458 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 458 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता नहीं किया जा सकता है।

धारा 458 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 458 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 448 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं पाएगा।

आईपीसी 454 पर गहन सलाह: धारा दर धारा

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