412 IPC in Hindi | धारा 412 क्या है?

412 IPC in Hindi

412 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता अधिनियम 1860 के अंतर्गत, धारा 412 आईपीसी की एक महत्वपूर्ण धारा है जो सम्पत्ति का बेईमानी से गबन या दुरुपयोग करने को अपराध मानती है।

धारा 412 एक ऐसी धारा है जो उस समय के परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जब कोई व्यक्ति बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करता है, जानते हुए भी कि यह डकैती द्वारा प्राप्त किया गया था।

इस धारा का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों को ऐसी गतिविधियों से रोकना है जो सामाजिक न्याय और कानूनी नियमों के खिलाफ होती हैं।

धारा 412 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 412 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति यह जानकर भी बेईमानी से किसी ऐसी संपत्ति को अपने कब्जे में रखता है कि उसके द्वारा हथियाई गई संपत्ति चोरी या डकैती की संपत्ति है यह विश्वास रखता हो, तो ऐसा करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।

धारा 412 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 412 के अंतर्गत पाए जाने वाले अपराधों के लिए भारतीय कानून प्रणाली में एक निश्चित सजा का प्रावधान है। IPC में चोरी या डकैती की किसी संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करने के लिए सजा के रूप में आजीवन कारावास अथवा दस वर्ष के कठिन कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माने की सजाओं का प्रावधान है।

अपराध

बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना, यह जानते हुए भी कि यह डकैती द्वारा प्राप्त की गई थी

दण्ड

आजीवन कारावास या दस वर्ष के कठिन कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय के समक्ष विचारणीय

धारा 412 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 412 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता नहीं पड़ती है। धारा 412 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के अपराधों में समझौता करना संभव नहीं होता है।

धारा 412 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 412 के अंतर्गत किए गए अपराधों को गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाता है, यानि यदि कोई व्यक्ति ऐसे मामलों में गिरफ्तार किया जाता है, तो उस अपराधी तुरंत जमानत पर बाहर भी आ पाएगा।

आईपीसी 456 धाराओं का अन्वेषण करें: भारतीय कानूनी क्षेत्र को नेविगेट करना

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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