399 IPC in Hindi | धारा 399 क्या है?

399 IPC in Hindi

399 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 399 में डकैती के मामलों के बारे में प्रावधान देखने को मिलता है। यह एक गंभीर अपराध है। इस अपराध को रोकने के लिए 399 आईपीसी में विशेष प्रावधान हैं और इसके खिलाफ कड़ी सजा होती है। डकैती का अपराध गंभीरता से लिया जाता है क्योंकि इसमें जनसंख्या की सुरक्षा और समृद्धि को खतरा होता है। इसलिए, इस अपराध के खिलाफ तैयारी करना महत्वपूर्ण है ताकि इसे रोका जा सके और समाज में शांति बनी रह सके।

धारा 399 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 399 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति डकैती कररने के लिए किसी प्रकार की तैयारी करता है, तो ऐसा करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।

यहाँ डकैती से आशय सड़क पर या किसी भी जगह पर लोगों से जिम्मेदारी या मौखिक या लिखित रूप से किसी वस्त्र, यान, ज्ञान, आदि को हथियार या घातक सामग्री के साथ हमला करके उनकी संपत्ति को जब्त करने से है।

धारा 399 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 399  के अंतर्गत, डकैती करने के लिए तैयारी करने जैसे अपराधों के लिए भारतीय कानून प्रणाली में एक निश्चित सजा का प्रावधान है। IPC में इस तरह के अपराधों के लिए 10 वर्ष का कठोर कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माने का प्रावधान है।

अपराध

डकैती करने के लिए तैयारी करना

दंड

10 वर्ष का कठोर कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय

धारा 399 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 399 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 399 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता किया जाना सम्भव नहीं है।

धारा 399 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 399 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 399 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।

आईपीसी 398 के माध्यम से कानूनी स्पष्टता

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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