318 IPC in Hindi | धारा 318 क्या है?

318 IPC in Hindi

318 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 318 शिशु के मृत शरीर के गुप्त निपटान द्वारा जन्म छिपाने जैसे संगीन अपराधों के बारे में संज्ञान लेती है। मृत्यु के उपरांत, व्यक्ति के परिजनों का दायित्व होता है कि वे उसके अंतिम संस्कार करे। धारा 318 के तहत, यदि कोई व्यक्ति इस कर्तव्य को अवहेलना करके उसके शव को गुप्त रूप से निपटाता है और उसके जन्म को छिपाता है, तो वह दंडनीय है। ऐसा गंभीर अपराध करने वाले व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और इसके लिए कठोर दण्ड का भी प्रावधान है।

धारा 318 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 318 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी किसी शिशु के जन्म को छिपाने के उद्देश्य से शिशु के मॄत शरीर को गुप्त रूप से गाड़ता है या उसका व्ययन करता है, चाहे उस शिशु की मॄत्यु उसके जन्म से पूर्व या पश्चात् या फिर जन्म के दौरान में हुई हो, तो ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति को भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाता है।

धारा 318 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318 के अंतर्गत, मृत शरीर के गुप्त निपटान द्वारा जन्म छिपाने जैसे अपराधों के लिए 2 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।

अपराध

शिशु के मृत शरीर के गुप्त निपटान द्वारा जन्म छिपाना

दण्ड

2 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष

धारा 318 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 318 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 318 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 318 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।

जानकारी प्राप्त करें: भारतीय दंड संहिता 347

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