167 IPC in Hindi | धारा 167 क्या है?

167 IPC in Hindi

167 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 167 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो लोक सेवक द्वारा त्रुटिपूर्ण या जाली दस्तावेज़ तैयार करने के अपराध को संज्ञान में लेती है। इस धारा का उल्लंघन एक गंभीर अपराध माना जाता है। यह न केवल उपभोक्ताओं को हानि पहुंचाता है, बल्कि सामाजिक अविश्वास की भावना भी पैदा करता है। इस धारा का उल्लंघन करने पर अपराधी को कठोर सजा भुगतनी पड़ सकती है।

धारा 167 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 167 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक के पद का धारण करते हुए या लोक सेवक के नाते किसी व्यक्ति को क्षति कारित करने अथवा किसी अन्य प्रकार का नुकसान पहुंचाने हेतु यह जानते या विश्वास रखते हुए भी किसी दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख की रचना करता है कि वह त्रुटिपूर्ण है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति को भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाता है।

धारा 167 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 167 के अंतर्गत, लोक सेवक ने चोट का कारण बनने के इरादे से एक त्रुटिपूर्ण दस्तावेज तैयार करने जैसे अपराधों के दण्ड के लिए 3 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना या दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है।

अपराध

लोक सेवक ने चोट का कारण बनने के इरादे से एक त्रुटिपूर्ण दस्तावेज तैयार करना

दण्ड

3 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष

धारा 167 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 167 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 167 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 167 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 167 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 167 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

स्पष्टता प्राप्त करें: भारतीय दंड संहिता 170 का अन्वेषण करें

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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