170 IPC in Hindi | धारा 170 क्या है?

170 IPC in Hindi

170 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 170 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो किसी व्यक्ति के खिलाफ लोक सेवक का प्रतिरूपण करने जैसे अपराधों के बारे में संज्ञान लेती है। यह धारा समाज में न्याय और कर्तव्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देती है और सार्वजनिक सेवकों को उनके कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक निभाने के लिए प्रेरित करती है। लोक सेवक का प्रतिरूपण करना, एक सामाजिक अपराध है जो समाज में विशेष रूप से गंभीर माना जाता है। लोक सेवक का प्रतिरूपण करना एक भ्रष्टाचार का मामला हो सकता है, जिसमें सरकारी पदों का दुरुपयोग, धन की अव्यवस्था, या सार्वजनिक संपत्ति का अपव्यय करने जैसे कई अपराध शामिल हो सकते हैं। लोक सेवकों का प्रतिरूपण करने जैसे अपराध समाज में विश्वासघातक भावनाओं को पैदा कर सकते हैं।

धारा 170 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 170 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति यह जानते हुए भी कि वह किसी ऐसे विशिष्ट पद पर नहीं है, उस विशिष्ट पद को लोक सेवक होने के नाते धारण करने का प्रतिरूपण करेगा या फिर किसी अन्य व्यक्ति का कूट-प्रतिरूपण करेगा या फिर बनावटी रूप से कोई ऐसा कार्य करे जो ऐसे पदाभास होना कारित करे, जो कि किसी ऐसे विशिष्ट पद धारण को करता है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति को भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाता है।

धारा 170 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 170 के अंतर्गत, लोक सेवक का प्रतिरूपण अथवा निजीकरण करने जैसे अपराधों के दण्ड के लिए 2 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना या दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है।

अपराध

लोक सेवक का प्रतिरूपण करना

दण्ड

2 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

गैर-संज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष

धारा 170 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 170 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 170 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 170 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 170 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 170 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।

सूचित रहें: आईपीसी 174 के बारे में जानें

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