437 IPC in Hindi | धारा 437 क्या है?

437 IPC in Hindi

437 IPC in Hindi

भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 437 तल्लायुक्त या भारी बोझ वाले जलयान को नष्ट या असुरक्षित करने के बारे में संज्ञान लेती है। इस धारा की मुख्य उद्देश्यता है समुद्री यातायात में सुरक्षा बनाए रखना और यात्रीगण को सुरक्षित रखना है। समुद्री सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह अपराध गंभीर होता है। इसमें यदि कोई व्यक्ति या संगठन ऐसा करता है, तो उसे कठोर दंडनीयता का सामना करना पड़ता है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य चोरी, लुटेरे, आतंकी और अन्य अपराधिक क्रियाओं पर रोक लगाना है। ऐसे अपराधों के बारे में जागरूक होने के लिए इस धारा के बारे में जानना अति आवश्यक है।

धारा 437 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 437 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति या संगठन किसी तल्लायुक्त जलयान या बीस टन या उससे ज्यादा बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित करने के उद्देश्य से कोई कार्य करता है, तो ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति को भारतीय कानून में अपराधी माना जाता है।

धारा 437 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 437 के अंतर्गत, किसी तल्लायुक्त या बीस टन से ज्यादा बोझ वाले जलयान को नष्ट या असुरक्षित करने के आशय से शरारत करने जैसे अपराधों के लिए आजीवन कारावास या 10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना की सजा का प्रावधान है।

अपराध

किसी तल्लायुक्त या बीस टन बोझ से ज्यादा वाले जलयान को नष्ट या असुरक्षित करने के आशय से शरारत करना

दण्ड

10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय

धारा 437 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 437 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 437 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में किसी प्रकार का समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 437 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 437 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 437 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।

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