145 IPC in Hindi | धारा 145 क्या है?

145 IPC in Hindi

145 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 145 एक महत्वपूर्ण धारा है जो गैर-कानूनी असेंबली को जारी रखने या उसमें शामिल होने पर लागू होती है। यह धारा व्यक्तियों के सामूहिक व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है। यह उन स्थितियों के लिए होती है, जब किसी विशेष आदेश के खिलाफ अव्यवस्थित समूह का गठन किया जाता है। इस धारा का उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई की जाती है। यह धारा भारतीय समाज की सुरक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देती है। इसके जरिए सामाजिक अशांति को रोका जा सकता है।

धारा 145 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 145 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे विधिविरुद्ध जनसमूह को जारी रखता है या जानबूझकर उसमें शामिल होता है, यह जानते हुए भी कि उस जनसमूह को समादेश विधि द्वारा निर्धारित ढंग से बिखर जाने का आदेश दिया जा चूका है, तो ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति को भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाता है।

धारा 145 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 145 के अंतर्गत, गैर-कानूनी असेंबली को जारी रखना या उसमें शामिल होना, यह जानते हुए कि इसे रद्द करने की आज्ञा दी गई है, तो ऐसे अपराधों के लिए 2 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना या दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान है।

अपराध

गैर-कानूनी असेंबली को जारी रखना या उसमें शामिल होना, यह जानते हुए कि इसे रद्द करने की आज्ञा दी गई है

दण्ड

2 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष

धारा 145 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 145 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 145 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 145 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 145 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 145 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

आईपीसी 124ए/124क का अन्वेषण करें: अपने कानूनों को जानें

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
Offence
Punishment
Cognizance
Bail
Triable By

सेवा बुक करें