भारतीय दंड संहिता (IPC) में कई धाराएँ हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण धारा है, धारा 499 यह धारा मानहानि के खिलाफ कदम उठाने का प्रावधान करती है। यह धारा सुनिश्चित करती है कि किन दशाओं में कोई व्यक्ति मानहानि का मामला दर्ज करा सकता है और अपनी ख्याति और प्रतिष्ठा की क्षति की भरपाई कर सकता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति बोले जाने वाले या पढ़े जाने वाले आशयित शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा, या दृष्य रूपणों द्वारा किसी व्यक्ति पर इस उद्देश्य के साथ कोई ऐसा लांछन लगाता या प्रकाशित करता है कि जिससे उस व्यक्ति की ख्याति को क्षति पहुँचे और तो कुछ अपवादित दशाओं के अलावा अन्य सभी स्तिथियों में उसके द्वारा उस व्यक्ति की मानहानि करना कहलाता है।
स्पष्टीकरण 1 - किसी भी मॄत व्यक्ति को कोई लांछन लगाना भी मानहानि की कोटि में शामिल किया जाएगा अगर वह लांछन उस व्यक्ति के जीवित होने पर की ख्याति की क्षति करता, और उसके परिवारजनों या अन्य निकट सम्बन्धियों की भावनाओं को चोट पहुँचाने के लिए आशयित हो।
स्पष्टीकरण 2 - किसी कम्पनी या संगम अथवा व्यक्तियों के समूह के सम्बन्ध में उसकी हैसियत में कोई लांछन लगाना मानहानि की कोटि में आ सकेगा।
स्पष्टीकरण 3 - अनुकल्प के रूप में, या व्यंगोक्ति के रूप में अभिव्यक्त लांछन भी मानहानि की कोटि में शामिल किया जाता है।
स्पष्टीकरण 4 - कोई भी लांछन जब तक किसी व्यक्ति की ख्याति की क्षति करने वाला नहीं कहा जाता जब तक कि वह लांछन दूसरों की दृष्टि में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति के सदाचारिक या बौद्धिक स्वरूप की उपेक्षा न करे या फिर किसी व्यक्ति की जाति के या उसकी आजीविका के सम्बन्ध में उसके शील की उपेक्षा न करे अथवा किसी व्यक्ति की साख को नीचे न गिराए या यह विश्वास न दिलाए कि उस व्यक्ति का शरीर घृणित दशा में है या ऐसी दशा में है जो साधारण रूप से निकॄष्ट समझी जाती है।
यदि कोई व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने या जानने के इरादे से उस व्यक्ति के ऊपर कोई लिखित या मौखिक रूप से कोई आरोप लगाता है, जो सामने वाले व्यक्ति के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाए, तो ऐसे मामले शारीरिक मानहानि में शामिल होते है।
साइबर मानहानि या ऑनलाइन मानहानि में ऐसे मामलें शामिल किये जाते हैं, जिनमें किसी व्यक्ति की छवि खराब करने के लिए या उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सोशल मीडिया, ईमेल व इंटरनेट के अन्य साधन शामिल किये जाते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी को अश्लील और अपमानजनक ईमेल भेजना, गलत तरीके से किसी की इंटरनेट के द्वारा छवि खराब करना आदि।
अक्सर मानहानि मामले आए दिन अदालतों में दर्ज किये जाते हैं। हर वह व्यक्ति जो यह महसूस करता है कि किसी ने सार्वजनिक रूप से, शब्दों या इशारों के माध्यम से, बोलकर, लिखित, या अनुमान के द्वारा उस पर गलत आरोप लगाया गया है, जिससे उसकी प्रतिष्ठा को हानि पहुंची हो।
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