414 IPC in Hindi | धारा 414 क्या है?

414 IPC in Hindi

414 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 414 में चोरी की संपत्ति को छुपाने या निपटान में सहायता करने के बारे में प्रावधान है। चोरी के अवैध क्रियाओं में शामिल होना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए भारतीय सविधान में कड़ी सजा निर्धारित की गई है। यह धारा सामाजिक सुरक्षा की भी रक्षा करती है और अवैध क्रियाओं के प्रति लोगों को सतर्क रखती है।

धारा 414 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति चुराई हुई संपत्ति को छुपाने में मदद करता है या फिर उस अपराध से सम्बन्धित अपराध को छुपाने में स्वेच्छापूर्वक अपराधी की सहायता करता है, तो ऐसा करने वाला व्यक्ति भी अपराधी ही माना जाएगा। लेकिन इस मामले में यह आवश्यक है कि सहायता करने वाला व्यक्ति यह जानता है कि वह जिस संपत्ति को छुपाने की कोशिश कर रहा है, वह चुराई हुई है।

धारा 414 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 414 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति चुराई गई संपत्ति से सम्बन्धित अपराधों को छुपाने के लिए प्रयास करता है तो ऐसे अपराधों के लिए भी भारतीय कानून प्रणाली में एक निश्चित सजा का प्रावधान है। इस तरह के अपराधों में किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास की सजा जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या फिर आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।

अपराध

चोरी की संपत्ति को छुपाने या निपटान में सहायता करना

दंड

3 साल का कारावास या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 414 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 414 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 414 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों में किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होते है। इस प्रकार के अपराधों में पीड़ित व्यक्ति यानि चुराई हुई संपत्ति के मालिक की सहमति से समझौता किया जा सकता है।

धारा 414 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 414 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 414 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं सकता है।

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