धारा 365 के अंतर्गत सजा का प्रावधान | 365 IPC in Hindi

धारा 365 | 365 IPC in Hindi

धारा 365 | 365  IPC in Hindi

धारा 365 में अपहरण मामलों के सम्बन्ध जैसे किसी व्यक्ति को गुप्त रूप से और अपहरण करने के इरादे से गलत तरीके से कैद करना आदि के बारे में प्रावधान उल्लेखित है। धारा 365 में ऐसे मामलों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है, जो कठिनता से न्याय की प्रक्रिया को पालन करते हैं।

धारा 365 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, जो कोई किसी व्यक्ति का अपहरण करता है या उस व्यक्ति का अपहरण करने के इरादे से उसे गुप्त रूप से और गलत तरीके से कैद करके रखता है तो वह सजा का पात्र होगा। ऐसे मामलों में दण्ड संहिता की धारा 365 अपहरण के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।

धारा 365 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति को गुप्त और अनुचित रूप कैद करता है या उसका अपहरण करता है, तो इस अपराध के लिए उस अपराधी को किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माने का भी प्रावधान है।

अपराध

किसी व्यक्ति का अपहरण करना या उसे गलत तरीके से कैद करना या गुप्त रूप से छुपाकर रखना

दंड

अधिकतम सात वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों।

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 365 की अपराध श्रेणी

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में धारा 365 के अंतर्गत किए गए सभी प्रकार के अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं और इस प्रकार के अपराध 365 प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होते हैं। इसके साथ ही इस प्रकार के अपराधों में समझौता करने की को गुंजाईश नहीं रहती है।

धारा 365 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय अपराध की श्रेणी में आते है, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 365 के अधीन अपराधी माना जाता है, तो गिरफ्तार किए जाने पर अपराधी को जमानत नहीं मिल पाएगी।

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