364a IPC in Hindi | धारा 364a क्या है?

364a IPC in Hindi

364a IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC) में, 1860 की धारा 364a/364क अपहरण के मामले पर कानूनी क्रियावली को संज्ञान में लेती है। इस धारा के तहत, फिरौती के लिए अपहरण की घटना एक गंभीर अपराध मानी जाती है, जिससे समाज में डर और असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है। धारा 364a IPC के तहत अपहरण करने वाले व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से सजा होती है, जिसमें उचित सुनवाई और न्याय का सुनिश्चितीकरण शामिल है। लोगों को इसके बार में जानना चाहिए ताकि वह ऐसे अपराधों से बच सके।

धारा 364a क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 364a/364क के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति का अपहरण करता है, या अपहरण के बाद उस व्यक्ति को हिरासत में रखता है और उसे मॄत्यु की या किसी तरह के नुकसान करने की धमकी देता है या फिर कोई ऐसा काम करता है, जिससे उस व्यक्ति को हानि पहुंचे और उससे या उसके परिवार वालो से फिरौती की मांग करता है, तो ऐसा करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार एक गंभीर अपराधी माना जाएगा।

धारा 364a के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 364a/364 के अंतर्गत, फिरौती के लिए अपहरण करने के अपराधों के लिए भारतीय कानून प्रणाली में एक निश्चित सजा का प्रावधान है। IPC में इस तरह के अपराधों के लिए मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माने की सजाओं का प्रावधान है।

अपराध

फिरौती के लिए अपहरण करना

दंड

मॄत्युदण्ड या आजीवन कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय

धारा 364a की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 364a/364 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 364a के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 364a के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 364a/364 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 364a के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ नहीं आ पाएगा।

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