धारा 338 क्या है? | 338 IPC in Hindi

338 IPC in Hindi

338 IPC in Hindi

भारतीय कानूनी की भारतीय दंड संहिता (IPC) में धारा 338 लोक सेवकों के कार्यों की सुरक्षा और संरक्षण को संरक्षित करती है। यह धारा लोक सेवकों के कार्यों को स्वाधीनता को सुरक्षित रखती है ताकि वह अपने कार्यों को निष्पक्षता से संचालित कर सकें और समाज के हित में सक्रिय रूप से योगदान दे सकें। यह धारा लोक सेवकों को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करती है।

धारा 338 क्या है?

यदि कोई व्यक्ति उतावलेपन में या अपनी इच्छापूर्वक कोई ऐसा कार्य करता है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन या उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पहुँचता हो अथवा किसी भी प्रकार की गंभीर चोट पहुँचाता हो, तो वह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 338 के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।

धारा 338 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 338 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति उतावलेपन में या फिर अपनी इच्छा से कोई ऐसा कार्य करता है, जिससे किसी व्यक्ति के जीवन या उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो, तो उस अपराधी के लिए एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड के रूप में एक हजार रुपए का जुर्माना या फिर कारावास के साथ जुर्माने दोनों का भी प्रावधान है।

अपराध

मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा पहुँचाना अथवा गंभीर चोट पहुँचाना

दंड

2 वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य)

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 338 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 338 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 338 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामले में किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होते है। साथ ही अगर पीड़ित पक्ष चाहे तो इस प्रकार के मामलों में समझौता भी किया जा सकता है।

धारा 338 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 338 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 338 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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