धारा 290 क्या है? | धारा 290 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

290 IPC in Hindi

290 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा  290 एक महत्वपूर्ण धारा है जो सार्वजनिक उपद्रव या लोक बाधा के मामलों में सजा का प्रावधान करती है। इस धारा के तहत, जब कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का कोई समूह सार्वजनिक सुरक्षा और क्रम में बाधा डालता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। 290 आईपीसी में इसे गंभीरता से लेकर दंडनीय अपराध माना गया है और इसके लिए कठिन प्रावधान हैं। इसके अलावा, यह धारा भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और सुरक्षा की भूमिका को मजबूत करने का प्रयास करती है। इससे समाज में लोगों की सुरक्षा और समाज में आत्मविश्वास को बढ़ाती है और एक स्वस्थ और समृद्ध समाज की दिशा में कदम बढ़ाती है।

धारा 290 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 290 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का कोई समूह किसी भी प्रकार की लोक बाधा या सार्वजनिक उपद्रव उत्पन्न करता है या ऐसा करने का प्रयास करता है , तो वह भारतीय कानून के अनुसार दोषी माना जाएगा। इसमें सार्वजनिक स्थान बाजार, रेलवे स्थल, बस स्टैंड, अस्पताल आदि जगह हिंसा फैलाकर समाज के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करना और असुरक्षा पैदा करना शामिल है।

धारा 290 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 के अंतर्गत, लोक बाधा उत्पन्न करने के अपराधों के लिए भारतीय कानून प्रणाली में एक निश्चित सजा का प्रावधान है। IPC में इस तरह के अपराधों के लिए आर्थिक दंड के रूप में दो सौ रुपए तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

अपराध

लोक बाधा उत्पन्न करना

दंड

आर्थिक दंड के रूप में दो सौ रुपए तक का जुर्माना

अपराध श्रेणी

गैर-संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 290 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू नहीं कर सकती है और अपराधी को गिरफ्तार करने के भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 290 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 290 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 290 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 290 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

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