अवलोकन: IPC 232 की यह कनूनी धारा किसी को भी, जो जालसाज़ी (यानी फोर्ज) का दंड देती है या जानबूझकर भारतीय सिक्के को ऐसे प्रक्रिया में डालना जो जाली हो या जाली युक्त कार्य के किसी भी हिस्से में प्रदर्शन करती हो। धारा के उपादान: निम्नलिखित इस अनुभाग के आवश्यक हैं; एक व्यक्ति को एक भारतीय सिक्के का नकली होना चाहिए। या जान बूझकर भारतीय सिक्के को जाल में डालने की प्रक्रिया के किसी भी हिस्से में प्रदर्शन करना। जालसाज़ी का क्या मतलब है? जालसाज़ी का अर्थ है किसी व्यक्ति को धोखा देने के इरादे से किसी वस्तु की सटीक प्रतिकृति / प्रतिलिपि बनाना। सजा: इस धारा के तहत अपराध के लिए उत्तरदायी किसी भी व्यक्ति को आजीवन कारावास या वर्णनीय कार्य के लिए कारावास के साथ दंडित किया जाएगा, जो 10 साल तक का हो सकता है और अपराधी को भी जुर्माना देना होगा। Cr.P.C धारा 320 के तहत रचना: यह खंड यौगिक अपराधों के तहत सूचीबद्ध नहीं है यानी समझौता या समझौता पार्टियों द्वारा दर्ज नहीं किया जा सकता है। कोई कानूनी परेशानी हो रही है? Lawtendo एक सहज ज्ञान युक्त ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो भारत के किसी भी शहर / अदालत में बेहतरीन अटॉर्नी की खोज और संपर्क करने के लिए तेज और सरल बनाता है। आप हमारे भारतीय कानून के लेख और हमारे ब्लॉग पर जाकर कानून के कई विषयों पर स्पष्टता प्राप्त कर सकते हैं।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
---|---|---|---|---|
जुर्माने के साथ भारतीय सिक्के को | आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा | संज्ञेय | गैर-ज़मानती | सत्रों की अदालतों |
Offence | जुर्माने के साथ भारतीय सिक्के को |
---|---|
Punishment | आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा |
Cognizance | संज्ञेय |
Bail | गैर-ज़मानती |
Triable By | सत्रों की अदालतों |