भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 497 व्यभिचार के बारे में संज्ञान लेती है। भारतीय कानून में व्यभिचार का मामला गंभीरता से लिया जाता है और इसे धारा 497 के तहत दंडनीय अपराध माना गया है। यह धारा एक महिला के साथ अनैतिक संबंध बनाने के मामले पर लागू होती है। धारा 497 व्यभिचार के मामले में कानूनी दृष्टिकोण से महिला की सुरक्षा को महत्वपूर्ण मानती है। यह धारा विवाहित स्त्री की गौरवशाली स्थिति को संरक्षित करने का उद्देश्य रखती है और उसे अनैतिक संबंधों से सुरक्षित रखने का प्रयास करती है और भारतीय समाज में महिलाओं के संरक्षण और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण रूप से साबित होती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 497 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य पुरुष की पत्नी के साथ या किसी ऐसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाता है, जिसे वह किसी अन्य व्यक्ति की पत्नी होने के बारे में विश्वास रखता हो, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार व्यभिचार के अपराध का दोषी माना जाएगा।
(नोट - शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर 2018 को भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को असंवैधानिक माना और दंड प्रावधान को रद्द कर दिया था।)
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 के अंतर्गत, व्यभिचार जैसे अपराधों के लिए दण्ड के रूप में पाँच वर्ष के कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
व्यभिचार |
दण्ड |
5 वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों |
अपराध श्रेणी |
गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय (समझौता करने योग्य) |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू नहीं की जा सकती है और अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 497 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामले प्रथम श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष पेश किये जाते हैं। इस तरह के अपराधों में न्यायालय की अनुमति और महिला के पति की सहमति द्वारा समझौता किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 497 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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