भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 489 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो चोट पहुंचाने के इरादे से संपत्ति के निशान को नष्ट करने या डिफेस करने पर लागू होती है। यह गंभीर अपराधों में से एक है। यह धारा अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे न केवल संपत्ति की नुकसान होती है, बल्कि इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और सुरक्षा के भावना पर भी असर पड़ता है। यह धारा समाज में विश्वास को कमजोर करती है और सामाजिक आतंक को बढ़ावा देती है। संपत्ति के निशान को नष्ट करने या डिफेस करने पर किसी व्यक्ति को कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है, इसमें कैद या जुर्माना भी हो सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 489 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी सम्पत्ति-चिह्न को, इस उद्देश्य से या फिर यह जानते हुए कि उसके द्वारा किये गए कार्य से तद्द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुंच सकती है, किसी सम्पत्ति-चिह्न को नष्ट करता है, अपसारित करता है, विरूपित करता है या उसमें कुछ जोड़ता है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 489 के अंतर्गत चोट पहुंचाने के इरादे से संपत्ति के निशान को नष्ट करना या डिफेस करने जैसे अपराधों के लिए एक वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
चोट पहुंचाने के इरादे से संपत्ति के निशान को नष्ट करना या डिफेस करना |
दण्ड |
1 वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों |
अपराध श्रेणी |
गैर-संज्ञेय |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 489 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के भी जाँच शुरू नहीं कर सकती है यही नहीं ऐसे मामलों में किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 489 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 489 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 489 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Triable By | |