450 IPC in Hindi | धारा 450 क्या है?

450 IPC in Hindi

450 IPC in Hindi

भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 450 गृह-अतिचार करने के अपराधों के बारे में संज्ञान लेती है। इस धारा के तहत, ऐसे क्रिया करने वाले व्यक्ति पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है। गृह अतिचार शारीरिक, भावनात्मक, या आर्थिक किसी भी प्रकार के हो सकते हैं। इस तरह की प्रक्रियाएं सामाजिक सुरक्षा और समृद्धि को खतरे में डाल सकती हैं। ऐसे अपराधों के बारे में जागरूक होने के लिए इस धारा के बारे में जानना अति आवश्यक है।

धारा 450 क्या है?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 450 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति आजीवन कारावास से दंडनीय कोई अपराध करने के लिए गॄह अतिचार करेगा अथवा ऐसा करने का प्रयास करेगा, तो ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति को भारतीय कानून में अपराधी माना जाता है।

यहाँ गॄह अतिचार से आशय किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति में प्रवेश करके या फिर उस पर रहकर आपराधिक अतिचार करने से है। यह संपत्ति भवन, जहाज या टेंट किसी भी रूप में हो सकती है।

धारा 450 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 450 के अंतर्गत, आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गॄह-अतिचार करने जैसे अपराधों के लिए आजीवन कारावास या 10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना की सजा का प्रावधान है।

अपराध

आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गॄह-अतिचार करना

दण्ड

10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय

जमानत

गैर जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय

धारा 450 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 450 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 450 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है।

धारा 450 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 450 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 450 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।

कानूनी साक्षरता: आईपीसी 459 के बारे में जानें

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