440 IPC in Hindi | धारा 440 क्या है?

440 IPC in Hindi

440 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 440 एक ऐसा महत्वपूर्ण कानून है, जो मौत, चोट या किसी अन्य अपराध को करने के लिए तैयारी करने के बाद की गई शरारत के लिए दंडित करती है। धारा 440 के अनुसार, जब कोई व्यक्ति किसी अपराध को करने की तैयारी में लगा हो और उसे पकड़ा जाता है, तो उसे दण्ड दिया जायेगा। इसका मकसद अपराधियों को अपने अवैध कार्य करने से रोकना और समाज की सुरक्षा बनाए रखना है।

धारा 440 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 440 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति की मॄत्यु चोट, उसका संदोष अवरोध या उपहति कारित करने अथवा इसका भय कारित करने की, तैयारी करके किसी प्रकार की रिष्टि करेगा, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।

धारा 440 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 440 के अंतर्गत, मौत. चोट या उपहति आदि करने के लिए की गई तैयारी के बाद की गई शरारत करने जैसे अपराधों के लिए पांच 5 साल का कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।

अपराध

मौत, या चोट आदि करने के लिए की गई तैयारी के बाद की गई शरारत

दण्ड

5 साल का कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

प्रथम श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष

धारा 440 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 440 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 440 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल प्रथम श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष पेश किया जा सकता है।

धारा 440 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 440 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 440 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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