भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 416 एक ऐसा महत्वपूर्ण कानून है, जो प्रतिरूपण द्वारा छल के अपराध को परिभाषित करती है। प्रतिरूपण द्वारा छल करना एक अत्यंत गंभीर अपराध है और यह धारा रूप बदलकर की जाने वाली धोखाधड़ी की स्थितियों को दर्शाती है। यह अपराध समाज में अविश्वास का माहौल पैदा करते हैं, जो समाज के लिए हानिकारक हो सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 416 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से छल करने उद्देश्य से कोई अन्य व्यक्ति की जानकारी को प्रतिस्थापित करते हुए, या किसी को यह विश्वास दिलाता है कि वह कोई अन्य व्यक्ति है, तो ऐसा करना प्रतिरूपण द्वारा छल करना कहलाता है।
स्पष्टीकरण - चाहे वह व्यक्ति जिसका प्रतिरूपण किया गया है, वास्तविक व्यक्ति हो या काल्पनिक यह अपराध माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 416 केवल प्रतिरूपण द्वारा छल किये जाने वाले अपराधों की स्थितियों को परिभाषित करती है। लेकिन इस धारा में इस तरह के अपराधों के लिए किसी प्रकार के दण्ड का उल्लेख नही किया गया है। हालाँकि इस धारा के अपराधों की सजा का प्रावधान आईपीसी की धारा 419 में देखने को मिलता है। धारा 419 में प्रतिरूपण द्वारा छल करने जैसे अपराधों के लिए तीन साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
प्रतिरूपण द्वारा छल |
दण्ड |
3 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना या दोनों |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 416 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 416 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में न्यायालय की अनुमति से और पीड़ित व्यक्ति यानि जिसके साथ छल हुआ हो की सहमति से समझौता किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 416 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 416 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
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Bail | |
Triable By | |