भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 405 समाज में आपसी विश्वास और समरसता की भावना को मजबूती से बनाए रखना हमारे समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। धारा आपराधिक विश्वासघात के बारे में संज्ञान लेती है, जिन अपराधों के कारण समाज में असुरक्षा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। इस धारा के तहत, यदि कोई व्यक्ति अपने साथी, समाज, या संगठन के प्रति विश्वासघात करता है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 405 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति अपने प्रभुत्व वाली सम्पत्ति या अपने सुपुर्द सम्पत्ति का किसी प्रकार की बेईमानी के द्वारा गबन कर लेता है अथवा उसे स्वयं के उपयोग हेतु संपरिवर्तित कर लेता है या फिर किसी प्रकार के न्यास निर्वहन हेतु विहित की जाने वाली विधि को किसी प्रकार के अनुबंध द्वारा अतिक्रमण करके उस सम्पत्ति को स्वयं के उपयोग में लाता है अथवा ऐसा करने का प्रयास करता है या फिर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ऐसा किया जाना जानबूझकर सहन करता है, तो ऐसा करना आपराधिक विश्वासघात कहलाता है।
आपराधिक विश्वासघात में चल या अचल संपत्ति दोनों प्रकार की सम्पत्ति शामिल की जाती है। आपराधिक न्यास भंग का मामला उसी स्थिति में माना जाएगा, जिस मामले में कुछ आवश्यक अनिवार्यताओं को पूरा किया जाएगा। यह अनिवार्यताएं निम्नलिखित है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 405 के अंतर्गत आपराधिक विश्वासघात करने जैसे अपराधों के लिए 3 साल के कारावास या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
आपराधिक विश्वासघात करना |
दण्ड |
3 साल का कारावास या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय अपराध |
जमानत |
गैर-जमानतीय |
विचारणीय |
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 405 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 405 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 405 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 405 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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