376d IPC in Hindi | धारा 376d क्या है? | धारा 376d के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

376d IPC in Hindi

376d IPC in Hindi

भारतीय समाज में महिलाओं के सम्मान को महत्वपूर्ण माना गया है, और कानून ने इसे सुनिश्चित करने के लिए कई कानून भी बनाए गए हैं। धारा 376घ यानि 376d भी महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों का संरक्षण करती है। यह धारा किसी स्त्री के साथ संभोग करने जैसे  गंभीर अपराधों के सम्बन्ध में सजा का प्रावधान करती है।

ऐसे गंभीर अपराध सिर्फ महिलाओं को मान-सम्मान को चोट पहुंचाता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी आहत करता है। यह सिर्फ सामाजिक स्तर पर बुरा प्रभाव डालता हैं, बल्कि समाज की सुरक्षा और समानता को खतरे में डालते हैं, इसलिए इस तरह के अपराध को रोकने के लिए लोगों को (IPC) की इस धारा 376d के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

धारा 376d क्या है?

यदि कोई व्यक्ति किसी अस्पताल के प्रबन्ध में कार्यरत होते हुए या किसी अस्पताल का कर्मचारी होते हुए, अपने पद और शासकीय स्थिति का लाभ उठाकर उस अस्पताल में उपस्तिथ किसी स्त्री के साथ मैथुन करता है या करने का प्रयास करता है, जो ब्लात्संग की श्रेणी में नहीं आता है, तो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 यानि 376d के अंतर्गत अपराधी घोषित किया जाएगा। धारा 376d के अंतर्गत दो उपधाराओं का भी प्रावधान है।

IPC की धारा 376d की उपधारा 376d (a) के अंतर्गत, 16 साल से कम उम्र की किसी लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए सजा का प्रावधान किया गया है।

IPC की धारा 376d की उपधारा 376d (b) के अंतर्गत, उन मामलों के लिए प्रावधान किए गए है, जिनमें बारह वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया जाता है।

धारा 376d के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 यानि 376d के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले अपराधी के लिए 5 साल के कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना का भी प्रावधान है।

अपराध

अस्पताल के प्रबन्ध या कर्मचारी आदि के किसी सदस्य द्वारा उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ संभोग करना

दंड

5 साल के कारावास के आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

यदि कोई व्यक्ति 376d की उपधारा 376d (a) या 376d (b) के अंतर्गत दोषी पाया जाता है, तो उस अपराधी के लिए उम्रकैद या मौत की सजा का प्रावधान है।

धारा 376d की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376d के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 376d के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल में किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस प्रकार के अपराधों में किसी प्रकार का कोई समझौता करने की कोई भी गुंजाईश नहीं होती है।

धारा 376d के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376d के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 376d के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं पाएगा।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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