351 IPC in Hindi | धारा 351 क्या है?

351 IPC in Hindi

351 IPC in Hindi

भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 351 कानूनी प्रणाली में एक महत्वपूर्ण धारा है जो व्यक्ति के ऊपर हमला करने के प्रति संज्ञान लेती है। इस धारा का उद्देश्य समाज में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। धारा 351 भारतीय सविधान के मूल अधिकार व्यक्ति के स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार को सुरक्षित रखती है। इस धारा का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को धारा 351 के तहत दण्ड भुगतना पड़ सकता है।

धारा 351 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 351 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी संकेत या कोई तैयारी इस उद्देश्य से करता है, या यह जानते हुए करता है कि उसके द्वारा किए गए संकेत या तैयारी करने से किसी अन्य व्यक्ति को यह आशंका होना संभाव्य है कि उसके द्वारा किये जाने वाले संकेत या तैयारी से वह उस व्यक्ति पर आपराधिक बल का प्रयोग कर सकता है या करने वाला ही है, ऐसी स्थिति को "हमला करना" कहा जाता है।

स्पष्टीकरण – शब्दों को हमले की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन वह शब्द जिनका प्रयोग कर कोई व्यक्ति किसी प्रकार का अंगविक्षेप करने या फिर ऐसा करने का प्रयास करने कारित करता हैं, तो ऐसा कार्य हमले की कोटि में शामिल किया जाएगा।

धारा 351 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 351 के अंतर्गत, हमला करने जैसे अपराधों के लिए तीन महीने का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में पांच सौ रूपये तक का जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

अपराध

हमला करना

दण्ड

तीन महीने का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में पांच सौ रूपये तक का जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 351 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 351 के अंतर्गत किये जाने वाले सभी अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 351 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जाता है।

धारा 351 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 351 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 351 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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