335 IPC in Hindi | धारा 335 क्या है?

335 IPC in Hindi

335 IPC in Hindi

भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 335 प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करने वाले अपराधों के बारे में संज्ञान लेती है। घोर उपहति करने के अपराधों में धारा 335 के तहत सजा हो सकती है। यह धारा के माध्यम से समाज में सुरक्षित माहौल तैयार करती है और सुरक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करती है। यह धारा व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों का समर्थन करने का एक माध्यम है जो समाज को मजबूत और समृद्ध बनाता है।

धारा 335 क्या है?

भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 335 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति द्वारा गम्भीर और अचानक प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित किया जाता है, हालाँकि इस प्रकोपन के पीछे उसका उद्देश्य सामने वाले व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को घोर उपहति कारित करने का न हो, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाता है।

धारा 335 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 335 के अंतर्गत किसी व्यक्ति द्वारा प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करने के अपराधों के लिए 4 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में दो हजार रुपए के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।

अपराध

प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

दण्ड

4 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में दो हजार रुपए का जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य)

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 335 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 335 के अंतर्गत किये जाने अपराधों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 335 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाता है। द.प्र.सं. (संशोधन) अधिनियम, 2008 ( क्र. 5 सन् 2009) की धारा 23 (i) के अधीन इन मामलों को शमनीय अपराधों की श्रेणी में शामिल किया गया है। इस तरह के मामलों में न्यायालय की अनुमति से व पीड़ित व्यक्ति की सहमति से समझौता भी किया जा सकता है।

धारा 335 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 335 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 335 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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