328 IPC in Hindi | धारा 328 क्या है? | धारा 328 की अपराध श्रेणी

328 IPC in Hindi

328 IPC in Hindi

भारतीय कानून की धारा 328 समाज में व्यक्ति के आर्थिक या शारीरिक अधिकारों का हनन होने से बचाता है। यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत अधिकारों का हनन करता है और इस प्रकार के कानूनी अपराधों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। इस प्रकार के अपराध सामाजिक स्तर पर बुरा प्रभाव डालते हैं और समाज की सुरक्षा और समानता को खतरे में डालते हैं, इसलिए इस प्रकार के अपराध को रोकने के लिए लोगो को इस धारा के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

धारा 328 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 328 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से, या किसी अपराध को अंजाम देने या उसे अंजाम देने को आसान बनाने के लिए, या यह जानते हुए कि ऐसा करने से नुकसान हो सकता है, किसी अन्य व्यक्ति को जहर, नशीली दवा, या अन्य हानिकारक पदार्थ देता है या उसे लेने के लिए मजबूर करता है, तो वह व्यक्ति भारतीय कानून के तहत अपराधी माना जाएगा।

धारा 328 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 328 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने या अपराध करने के उद्देश्य से या किए जाने वाले अपराध को सरल बनाने के लिए या यह जानते हुए भी कि वह सामने वाले व्यक्ति को क्षति प्रदान करेगा, कोई विष या जड़िमाकारी, नशायुक्त या अस्वास्थ्यकर ओषधि या अन्य चीज उस व्यक्ति को देगा या उसके द्वारा लिया जाता है, तो इस प्रकार के अपराध के लिए 10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

अपराध

अपराध करने के इरादे से विष इत्यादि द्वारा क्षति कारित करना

दंड

10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय

धारा 328 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 328 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 328 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामले में सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होते है। इस प्रकार के अपराधों में किसी प्रकार का समझौता भी नहीं किया जाता है।

धारा 328 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 328 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 328 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं पाएगा।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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