भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 314 गर्भपात के अपराधों सम्बन्ध में संज्ञान लेती है। गर्भपात एक बेहद गंभीर अपराध है। गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों के कारण मृत्यु पैदा करने की सजा को दर्शाती है। यह धारा सुनिश्चित करती है कि गर्भपात से होने वाली मृत्यु पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। इस धारा का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा करना है। महिलाओं को इस प्रकार के अपराधों से बचने के लिए इस धारा के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 314 के अंतर्गत, किसी गर्भवती महिला का गर्भपात कराने पर उसकी मृत्यु होने जाना भारतीय कानून के अनुसार अपराध माना गया है। इस धारा को दो स्थितियों में बांटा गया है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 314 के अंतर्गत गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों के कारण मॄत्यु होने जैसे अपराधों के लिए किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना का प्रावधान किया गया है, जबकि अगर वह काम महिला की सहमति के बिना किया हो तो उसके लिए अपराधी को आजीवन या 10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माने की सजा से दण्डित किया जाएगा।
अपराध |
गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों के कारण मृत्यु |
यदि वह कार्य महिला और #8217 सहमति के बिना किया गया हो |
दण्ड |
10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना |
आजीवन या 10 साल के कारावास के साथ आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं) |
संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं) |
जमानत |
गैर जमानतीय |
गैर जमानतीय |
विचारणीय |
सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 314 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 314 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल सत्र न्यायालय के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस प्रकार के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 314 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 314 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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