297 IPC in Hindi | धारा 297 क्या है?

297 IPC in Hindi

297 IPC in Hindi

भारतीय समाज में धार्मिकता और मानवीय भावनाओं को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है, यही नहीं संविधान में भी इसे खास महत्व दिया गया है। भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 297 अन्त्येष्टि क्रियाओं के अपमान के बारे में संज्ञान लेती है। धारा 297 में किसी कब्रिस्तान, उपासना के स्थान, अंतिम संस्कार क्रियाओं में विघ्न कारित करने या मानव लाश के अपमान के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान देखने को मिलता है।

धारा 297 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 297 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी कब्रिस्तान या अन्त्येष्टि क्रियाओं के लिए पॄथक् रखे गए उपासना के स्थान पर अतिचार करने अथवा व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने या धर्म का अपमान करने के उद्देश्य से अंतिम संस्कार क्रियाओं में विघ्न कारित या किसी भी मानव लाश का अपमान करने के उद्देश्य से कोई काम करता है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।

धारा 297 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 297 के अंतर्गत, किसी कब्रिस्तान या उपासना के स्थान पर अथवा व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने या धर्म का अपमान करने के उद्देश्य से अंतिम संस्कार क्रियाओं में विघ्न कारित या फिर एक मानव लाश का अपमान करने जैसे अपराधों के लिए 1 वर्ष का जुर्माना या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है।

अपराध

किसी कब्रिस्तान या उपासना के स्थान पर अथवा व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाने या धर्म का अपमान करने के उद्देश्य से अंतिम संस्कार क्रियाओं में विघ्न कारित या फिर एक मानव लाश का अपमान करना

दण्ड

1 वर्ष का जुर्माना या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 297 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 297 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 297 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है।

धारा 297 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 297 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 297 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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