भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 294 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो अश्लीलता और अश्लीलता से संबंधित कार्यों को नियंत्रित करती है। इस धारा में अश्लील कार्यों के मामले और गाने शामिल होते हैं। अगर कोई व्यक्ति अश्लीलता या अश्लीलता से संबंधित कोई भी कार्य करता है तो उसे दंडित किया जाता है। इस धारा के तहत अपराध की सजा कड़ी होती है, जिसमें सजा में जुर्माना और कैद की सजा शामिल हो सकती है। यह धारा उन कार्यों के खिलाफ है जो समाज में सामाजिक मान-सम्मान को कमजोर करते हैं और नैतिकता को खतरे में डालते हैं।
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरों को चिढ़ाने या छेड़ने के इरादे से;
तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अंतर्गत, अश्लील करने या अश्लील गाने सुनाकर किसी को छेड़ने जैसे अपराधों के लिए तीन महीने का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
अश्लील कार्य और गाने |
दण्ड |
तीन महीने या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय (समझौता करने योग्य नहीं) |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 448 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 294 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
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Bail | |
Triable By | |