287 IPC in Hindi | धारा 287 क्या है?

287 IPC in Hindi

287 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 287 भारतीय कानून व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण धारा है जो मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण करने पर धारा प्रावधान करती है। इस धारा का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि उद्योग, निर्माण, और अन्य संबंधित क्षेत्रों में मशीनरी उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ अपराध की स्थिति में किया जा सकता है। धारा 287 उस स्थिति में लागू होती है जब कोई व्यक्ति या संघ अपनी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करते हैं और मशीनरी के उपयोग में सुरक्षा नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं। यह धारा निम्नलिखित प्रकार के उपेक्षापूर्ण आचरण को संज्ञान में लेती है। यह धारा उपेक्षापूर्ण आचरण के विविध प्रकारों को कवर करती है और सुरक्षा मानकों की अवहेलना करने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा के अधीन करती है।

धारा 287 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 287 के अनुसार, यदि कोई किसी मशीनरी के द्वारा उतावलेपन या उपेक्षापूर्वक कोई ऐसा काम करेगा, जिससे किसी मानव जीवन को संकट उत्पन्न हो जाए या किसी व्यक्ति का उपहति होना सम्भाव्य हो अथवा अपनी देखरेख के अधीन या अपने कब्जे में की गई किसी मशीनरी की यह जानते हुए भी कि यह उपेक्षापूर्वक लोप करेगा इस प्रकार व्यवस्था करना जो किसी मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून में अपराधी माना जाता है।

धारा 287 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 287 के अंतर्गत मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण करने जैसे अपराधों में सजा के रूप में 6 महीने कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है।

अपराध

मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण करना

दण्ड

6 महीने कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष

धारा 287 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 287 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के भी जाँच शुरू नहीं कर सकती है यही नहीं ऐसे मामलों में किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 287 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को किसी भी श्रेणी के समक्ष पेश किया जा सकता है।

धारा 287 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 287 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 287 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

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