272 IPC in Hindi | धारा 272 क्या है?

272 IPC in Hindi

272 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 के अंतर्गत धारा 272 के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण धारा है, जो बिक्री के लिए इरादा भोजन या पेय में मिलावट करने से संबंधित है। इस धारा में व्यापक तरीके से खाद्य और पेय के साथ जुड़े अपराधों को शामिल किया गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जाता है।

इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को खतरनाक पदार्थों से बचाना है, जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इस धारा का प्रमुख उपयोग व्यापक तरीके से खाद्य और पेय में मिलावट करने के अपराधों के खिलाफ किया जाता है। यह ऐसे व्यक्तियों को खतरे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार देती है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं।

धारा 272 क्या है?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 272 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति खाने या पीने की किसी वस्तु में किसी प्रकार की मिलावट करके बेचे या यह जानते हुए कि वह खाद्य या पेय के रूप में बेची जाएगी और वह वस्तु खाद्य या पेय खाने वाले के लिए अस्वास्थ्यकर बन जाए, तो ऐसी मिलावट करने वाले व्यक्ति को भी भारतीय कानून के अनुसार दोषी माना जाएगा। 

धारा 272 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 272 के अंतर्गत, बिक्री के लिए इरादा भोजन या पेय में मिलावट करना, ताकि एक ही हानिकारक बना सके जैसे अपराधों के लिए अपराधी के लिए 6 महीने का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान है।

अपराध

बिक्री के लिए इरादा भोजन या पेय में मिलावट करना, ताकि एक ही हानिकारक बना सके

दण्ड

6 महीने का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

गैर-संज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 272 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 272 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना जाँच नहीं कर सकती है और अपराधी को पकड़ने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 272 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं है।

धारा 272 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 272 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 272 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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