भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 23 एक महत्वपूर्ण धारा है जो सदोष अभिलाभ और सदोष हानि की स्थिति को परिभाषित करती है। धारा 202 IPC एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो न्याय के प्रति ईमानदारी और पारदर्शिता की आवश्यकताओं को बनाए रखने में मदद करता है। यह कानून समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने और समाज में लोगो को अपने दायित्व समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सदोष अभिलाभ - भारतीय दंड संहिता की धारा 23 के अनुसार, विधिविरुद्ध साधनों द्वारा ऐसी सम्पत्ति का अभिलाभ है, जिस हक को प्राप्त करने वाला व्यक्ति वैध रूप से उस हक को प्राप्त करने का हकदार न हो, सदोष अभिलाभ कहलाता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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