224 IPC in Hindi | धारा 224 क्या है?

224 IPC in Hindi

224 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 के अंतर्गत धारा 224 के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण धारा है जो व्यक्ति के विधिक पक्ष में बाधा उत्पन्न करने या प्रतिरोध करने के खिलाफ कार्रवाई करती है। इस धारा के तहत, यदि कोई व्यक्ति अपने पकड़े जाने के मामले में उत्पन्न बाधा या प्रतिरोध करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

इसमें किसी भी प्रकार का अनवार्य प्रतिरोध शामिल हो सकता है, जैसे कि जानबूझकर कानूनी प्रक्रिया में विघ्न डालना या साक्षरता कानून को उल्लंघन करने का प्रयास करना। यह धारा सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति विधि के पर्याय में उपयुक्त रूप से पेशी होने के लिए तैयार होता है और न्यायिक प्रक्रिया में कोई भी बाधा ना उत्पन्न हो।

धारा 224 क्या है?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 224 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे अपराधी के विधि के अनुसार पकड़े जाने पर में किसी प्रकार का प्रतिरोध या बाधा उत्पन्न करता है, जिसके ऊपर आरोप सिद्ध किया गया हो, तो वह व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।

यहां अवैध बाधा से आशय किसी अभिरक्षा से, जो किसी ऐसे अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध हो, निकल भागे या निकल भागने का प्रयत्न करे आदि।

धारा 224 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 224 के अंतर्गत, विधि के अनुसार पकड़े जाने पर बाधा बनने के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति को दो वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान है।

अपराध

किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा बनना।

दण्ड

दो वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 224 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 224 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच कर सकती है और अपराधी को पकड़ने के लिए भी वारंट की आवश्यकता नहीं होती है। धारा 224 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं है।

धारा 224 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 224 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 224 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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