195 IPC in Hindi | धारा 195 क्या है?

195 IPC in Hindi

195 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 195 एक महत्वपूर्ण धारा है जो व्यक्तियों को झूठा साक्ष्य देने या गढ़बढ़ करने के आरोप में सजा सुनने की विधि का उल्लेख करती है। यह धारा उन लोगों के खिलाफ है जो न्यायिक प्रक्रिया और अपराधिक कार्रवाई में रुकावट डालने और न्यायिक प्रक्रिया को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास करते हैं। यह धारा भारतीय कानून प्रणाली में साक्ष्य और सत्यता के महत्व को दर्शाती है, साथ ही सभी को इसे गंभीरता से लेने का उल्लेख करती है, ताकि लोग न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास बना रहे।

धारा 195 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 195 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे अपराध जो भारत में आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास से दण्डनीय हो, जैसे अपराध में दोषसिद्धि कराने के लिए झूठे सबूत देता है या उन्हें तैयार करता है अथवा ऐसा प्रयास करता है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।

धारा 195 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 195 के अंतर्गत, आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास से दण्डनीय अपराध से दोषसिद्ध कराने के लिए झूठे सबूत देने या गढ़ने जैसे अपराधों के लिए सजा का प्रावधान किये गए अपराध के समान ही किया गया है।

अपराध

आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास से दण्डनीय अपराध से दोषसिद्ध कराने के लिए, झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना

दण्ड

किये गए अपराध के समान

अपराध श्रेणी

गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय

धारा 195 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 195 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू नहीं की जा सकती है और अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 195 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 195 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 195 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 195 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
Offence
Punishment
Cognizance
Bail
Triable By

सेवा बुक करें