190 IPC in Hindi | धारा 190 क्या है?

190 IPC in Hindi

190 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 190 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने हेतु किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी देने से सम्बंधित मामलों में संज्ञान लेती है। यह धारा किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित कर उसे क्षति पहुंचाने और उसे गम्भीर अपराधों में शामिल होने जैसे अपराधों से बचाती है। यह न केवल उस व्यक्ति के अधिकारों की उल्लंघन है बल्कि समाज के न्याय और सुरक्षा की धारा में भी अव्यवस्था उत्पन्न करता है। धारा 190 सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक न्याय की रक्षा करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

धारा 190 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 190 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति लोक सेवक होने के नाते या लोक सेवक के पद पर काम करते हुए कोई ऐसी संरक्षा करने या कराने के लिए वैध रूप से सशक्त हो, जिससे होने वाली क्षति से संरक्षा के लिए कोई वैध आवेदन करने से रोकने या विरत रहने के उद्देश्य से उस व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए उस व्यक्ति को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने की धमकी देगा, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।

धारा 190 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 190 के अंतर्गत, लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने हेतु किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी देने जैसे अपराधों के लिए 1 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।

अपराध

लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से रोकने हेतु किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी देना।

दण्ड

1 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

गैर-संज्ञेय (समझौता करने योग्य)

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष

धारा 190 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 190 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के भी जाँच शुरू नहीं कर सकती है यही नहीं ऐसे मामलों में किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। लेकिन आंध्र प्रदेश राज्य में इस अपराध को संज्ञेय अपराधों में शामिल किया जाता है। धारा 190 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता किया जा सकता है।

धारा 190 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 190 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 190 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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