187 IPC in Hindi | धारा 187 क्या है?

187 IPC in Hindi

187 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 187 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो समाज के लिए लोक सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका को सुनिश्चित करती है। यह धारा उन लोगों के खिलाफ होती है जो लोक सेवक की सहायता के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं। धारा 187 के अनुसार इसे एक अपराध बनाया है और ऐसा अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया है।

धारा 187 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 187 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक को या लोक सेवक के रूप में कार्य कर रहे व्यक्ति को विधि द्वारा आबद्ध होते हुए, उसके लोक कर्तव्य के निष्पादन में सहायता देने या पहुंचाने के लिए किसी प्रकार की सहायता देने का साशय लोप करेगा, अथवा यदि किसी लोक सेवक या लोक सेवक के रूप में कार्य कर रहे व्यक्ति द्वारा किसी ऐसी सहायता की मांग की जाए, जो ऐसी मांग करने के लिए वैध रूप से सक्षम हो, न्यायालय द्वारा वैध रूप से निकाली गई किसी आदेशिका के निष्पादन के, या अपराध के किए जाने का निवारण करने के, या बल्वे या दंगे पर नियंत्रण पाने के, या ऐसे व्यक्ति को, जिस पर अपराध का आरोप है या जो अपराध का या विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागने का दोषी है, पकड़ने के प्रयोजनों से की जाए, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून में अपराधी माना जाएगा।

धारा 187 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 187 के अंतर्गत, लोक सेवक की सहायता करे, जबकि सहायता देने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो, तो ऐसे अपराधों के लिए 1 महीने के लिए साधारण कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में दौ सौ रुपए तक का जुर्माना या दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है। जबकि एक लोक सेवक की सहायता करने की उपेक्षा करने, जो प्रक्रिया के निष्पादन में अपराधों की रोकथाम आदि सहायता की मांग करता है, तो ऐसे अपराध हेतु 6 महीने का साधारण कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में पांच सौ रुपए तक के जुर्माने या दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान है।

अपराध

लोक सेवक की सहायता करने का लोप, जबकि सहायता देने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो

एक लोक सेवक की सहायता करने की उपेक्षा करना, जो प्रक्रिया के निष्पादन में सहायता की मांग करता है, अपराधों की रोकथाम, आदि

दण्ड

1 महीने का साधारण कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना या दोनों

6 महीने के लिए साधारण कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना या दोनों

अपराध श्रेणी

असंज्ञेय

असंज्ञेय

जमानत

जमानतीय

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के न्यायालय द्वारा विचारणीय

किसी भी श्रेणी के न्यायालय द्वारा विचारणीय

धारा 187 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 187 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू नहीं की जा सकती है और अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 187 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का किसी भी श्रेणी के न्यायालय के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 187 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 187 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 187 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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