भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 184 एक महत्वपूर्ण धारा है जो किसी लोक सेवक द्वारा किए गए किसी भ्रष्टाचारी कार्य को नियंत्रित करती है। यह धारा उन अवस्थाओं को संज्ञान में लेती है जब किसी लोक सेवक या सरकारी अधिकारी द्वारा संपत्ति के विक्रय में बाधा डाली जाती है। ऐसा अपराध करने वाले लोक सेवक को कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। धारा 184 का मुख्य उद्देश्य लोक सेवकों को समाज के साथ ईमानदारी से काम करने की प्रेरणा देना है और भ्रष्टाचार को खत्म करना है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 184 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसी संपत्ति के विक्रय में बाधा डालता है, जो कि किसी लोक सेवक के विधिपूर्ण प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई हो, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 184 के अंतर्गत लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति के विक्रय में बाधा डालने जैसे अपराधों के लिए एक महीने कारावास या पांच सौ रुपए आर्थिक दण्ड अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
लोक सेवक के प्राधिकार द्वारा विक्रय के लिए प्रस्थापित की गई संपत्ति के विक्रय में बाधा डालना। |
दण्ड |
1 महीने या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों |
अपराध श्रेणी |
गैर-संज्ञेय (समझौता करने योग्य नहीं) |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 184 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के भी जाँच शुरू नहीं कर सकती है यही नहीं ऐसे मामलों में किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 184 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के न्यायधीश के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 184 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 184 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
---|---|---|---|---|
Offence | |
---|---|
Punishment | |
Cognizance | |
Bail | |
Triable By | |