171 IPC in Hindi | धारा 171 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

171 IPC in Hindi

171 IPC in Hindi

समाज में न्याय और व्यवस्था की रक्षा के लिए विभिन्न कानूनी धाराएं बनाई गई हैं, जिनका उल्लेख भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 में किया गया है। धारा 171 एक ऐसी महत्वपूर्ण धारा है, जो किसी लोक सेवक की पोशाक या निशानी को धारण करके उसका दुरुपयोग करता है। जनता का लोक सेवक में भरपूर विश्वास रहता है और लोग उससे न्यायपूर्ण और सही तरीके से काम करने की उम्मीद करते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक की पोशाक या निशानी का दुरुपयोग करके किसी भी प्रकार का कपट करता है, तो उसका यह कार्य लोगों का लोक सेवक के प्रति विश्वाश को कम कर सकता है। इस तरह के अपराधों को गंभीर अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाता है और ऐसे अपराधों के प्रति कानूनी कार्रवाई की जाती है व अपराधी को दण्ड भी दिया जाता है।

धारा 171 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 171 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति जो कि लोक सेवकों के किसी खास वर्ग से सम्बन्ध न रखता हो और कपट करने के उद्देश्य से किसी लोक सेवक द्वारा उपयोग की जाने वाली पोशाक या निशानी को धारण करता है अथवा ऐसा करने का प्रयास करता है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।

धारा 171 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171 के अंतर्गत, कपट करने के उद्देश्य से किसी लोक सेवक के उपयोग की पोशाक पहनना या निशानी को धारण करने जैसे अपराधों के लिए 3 महीने का जुर्माना या आर्थिक दंड के रूप में दो सौ रुपए का जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है।

अपराध

कपट करने के उद्देश्य से किसी लोक सेवक के उपयोग की पोशाक पहनना या निशानी को धारण करना

दण्ड

3 महीने का जुर्माना या आर्थिक दंड के रूप में दो सौ रुपए का जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

गैर-जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 171 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 171 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 171 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 171 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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