151 IPC in Hindi | धारा 151 क्या है?

151 IPC in Hindi

151 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 151 भारतीय कानूनी प्रणाली में एक विशेष धारा है जो व्यक्तियों के समूह के बिखरने को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है। यह धारा ऐसे लोगों के बारे में संज्ञान लेती है, जो समादेश के बाद भी समूह में इकट्ठा रहते है। यह धारा उन लोगों के खिलाफ है जो इस समादेश का उल्लंघन करके जानबूझकर समूह के सदस्य बने रहते हैं और समाज में अशांति फैलाने का प्रयास करते हैं। यह धारा सामाजिक एकता और सामूहिक सद्भाव को बढ़ावा देती है और विभिन्न समूहों के बीच विवाद को रोकने का प्रयास करती है।

धारा 151 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 151 के अंतर्गत, यदि पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का जनसमूह जो सार्वजनिक शांति में किसी प्रकार का विघ्न डालता हो और ऐसे जनसमूहों को विधिपूर्वक बिखर जाने का समादेश दे दिया गया हो और इसके बाद भी वह जनसमूह जानबूझकर शामिल हो या बना रहे, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।

धारा 151 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 151 के अंतर्गत पांच या उससे अधिक व्यक्तियों जिन्हें बिखर जाने का समादेश दिया गया हो, का किसी जनसमूह के जानबूझकर शामिल होने या बने रहने, जैसे अपराधों के लिए 6 महीने के लिए कठोर कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माने अथवा दोनों प्रकार की सजा का प्रावधान है।

अपराध

पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के किसी जनसमूह का जानबूझकर शामिल होना या बने रहना, जिसे बिखर जाने का समादेश दिया गया हो

दण्ड

6 महीने का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के द्वारा विचारणीय

धारा 151 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 151 के अंतर्गत किए गए अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 151 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।

धारा 151 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 151 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 151 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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