148 IPC in Hindi Explained By Lawtendo | धारा 148 क्या है?

148 IPC in Hindi

148 IPC in Hindi

भारतीय दंड संहिता में विभिन्न अपराधों की परिभाषाएं और दंड प्रावधान होते हैं। इसमें IPC 148 भी एक महत्वपूर्ण धारा है, जो घातक आयुध से सज्जित होकर दंगा और उपद्रव जैसे अपराधों को प्रतिबंधित करती है। IPC की धारा 148 का मुख्य उद्देश्य समाज में शांति और अनुशासन को बनाए रखना है। इस प्रकार के अपराध कोई बार धार्मिकता से भी जुड़े होते है, जो केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं और समाज की सुरक्षा और समानता को खतरे में डालते हैं, इसलिए इस प्रकार के अपराध को रोकने के लिए लोगो को इस धारा के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

धारा 148 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 148 के अनुसार, घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करने से सम्बन्धित मामलों और सजाओं का प्रावधान किया गया है। सरल शब्दों में कहा जाए तो यदि कोई व्यक्ति घातक हथियारों के साथ दंगा करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है, जिससे किसी की मौत होने की संभावना हो, तो वह व्यक्ति धारा 148 के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।

धारा 148 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति घातक हथियारों के साथ दंगा करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है, तो उस अपराधी के लिए 3 साल का कारावास और आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना या फिर कारावास के साथ जुर्माने का प्रावधान है।

अपराध

घातक आयुध से सज्जित होकर उपद्रव करना

दंड

3 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 148 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि कोई भी व्यक्ति जिसे इस अपराध के बारे में पता चलता है, वह पुलिस को अपराध के बारे में सूचित कर सकता है। धारा 148 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामले में प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होते है। 

धारा 148 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 148 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 148 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर सकता है। इस प्रकार के अपराधों में किसी प्रकार का समझौता करना सम्भव नहीं है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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