भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 67 आर्थिक दण्ड न चुकाने वाले अपराधों के बारे में संज्ञान लेती है, जो अपराध केवल आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो। धारा 67 का मुख्य उद्देश्य विशेष आर्थिक उपकरणों के लिए कारावास को अनुचित रूप से रोकना है। धारा 67 का उल्लंघन किया जाना एक गंभीर अपराध माना जाता है। यह दंड कानून के तहत अवैध और अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए है, जो समाज में विश्वास और स्थिरता को क्षति पहुंचाते हैं। धारा 67 के प्रावधानों को लागू करने के द्वारा, सरकार आर्थिक दंड की अनावश्यकता को कम करने का प्रयास करती है और न्यायपालिका को आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने में मदद मिलती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 67 के अनुसार, यदि किया गया अपराध केवल आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो तो न्यायालय आर्थिक दण्ड चुकाने में चूक होने की दशा के लिए अधिरोपित करे, तो ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति को भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाता है और वह साधारण कारावास से दण्डित किया जाता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 67 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति पचास रुपए से अधिक के आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो, तो उसके लिए दो मास तक की अवधि के कारावास का प्रावधान किया गया है, जबकि सौ रुपए से अधिक के आर्थिक दण्ड के परिमाण के लिए चार महीने तक की अवधि का कारावास, अन्य दशा में छह महीने तक की अवधि के कारावास का प्रावधान है।
अपराध |
आर्थिक दण्ड न चुकाने पर कारावास, जबकि अपराध केवल आर्थिक दण्ड से दण्डनीय हो। |
दण्ड |
पचास रुपए तक के आर्थिक दण्ड के परिमाण के लिए दो महीने तक की अवधि का कारावास, सौ रुपए से अधिक के आर्थिक दण्ड के परिमाण के लिए चार महीने तक की अवधि का कारावास, अन्य दशा में छह महीने तक की अवधि के लिए कारावास। |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय अपराध |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 67 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 67 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 67 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 67 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
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