भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 471 जालसाजी और कूटरचित दस्तावेजों के उपयोग के बारे में संज्ञान लेती है। जालसाजी और कूटरचित दस्तावेज का उपयोग करना एक गंभीर अपराध है, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर गैरकानूनी तरीके से किसी नकली दस्तावेज का इस्तेमाल करता है, तो उसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है। इस तरह के अपराध समाज में विश्वास की कमी, भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों को बढ़ावा देते है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 471 के अनुसार, जो कोई व्यक्ति किसी कूटरचित/जाली दस्तावेज, इलैक्ट्रानिक अभिलेख या केन्द्र सरकार के किसी वचन पत्र का यह जानते हुए या विश्वास रखते हुए भी कि वह नकली है, उसका उपयोग करता है, तो तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 471 के अंतर्गत विश्वास रखते हुए भी कि वह जिस दस्तावेज, इलैक्ट्रानिक अभिलेख या केन्द्र सरकार के किसी वचन पत्र का उपयोग कर रहा है, वह कूटरचित/जाली है, जानते हुए भी उसका उपयोग करता है, तो इस प्रकार के अपराधों के लिए दंड का प्रावधान इस तरह के दस्तावेज के जालसाजी के समान ही किया गया है।
अपराध |
कूटरचित/जाली दस्तावेज का उपयोग करना यह जानते हुए कि यह कूटरचित/जाली है। |
अगर कूटरचित/जाली दस्तावेज केंद्र सरकार का एक वचन-पत्र हो। |
दण्ड |
इस तरह के दस्तावेज के जालसाजी के समान |
इस तरह के दस्तावेज के जालसाजी के समान |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय (समझौता करने योग्य नहीं) |
संज्ञेय (समझौता करने योग्य नहीं) |
जमानत |
जमानतीय |
जमानतीय |
विचारणीय |
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के द्वारा विचारणीय |
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 471 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 471 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 471 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 471 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
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Bail | |
Triable By | |