भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 434 में लोक प्राधिकारी द्वारा लगाए गए भूमि चिह्न को नष्ट करने या हटाने के लिए सजा का प्रावधान किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण धारा है जो समाज में न्याय और कानूनी सुरक्षा की सख्ती को बनाए रखने के लिए बनाई गई है। लोगों को यह बात समझने में मदद मिलती है कि इन चिह्नों को नष्ट करना या हटाना एक गंभीर अपराध है और इससे होने वाला नुकसान देश की समृद्धि के पथ पर रुकावट डाल सकता है। यह धारा न केवल लोक प्राधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा में सहायता करती है, बल्कि इससे समाज को भी एक साफ और व्यवस्थित मार्गदर्शन भी होता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 434 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी लोक प्राधिकारी द्वारा लगाए गए भूमि चिह्न पर अपने आपराधिक बल का प्रयोग करके या किसी अन्य प्रकार से हमला सार्वजनिक प्राधिकरण की उस सम्पत्ति को नष्ट करने या हटाने का प्रयत्न करता है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाता है।
यहाँ लोक प्राधिकारी विभिन्न क्षेत्रों में भूमि चिह्न जो कि सड़कों, पुलों, पार्कों, ऐतिहासिक इमारतों या किसी भी सरकारी जगह पर सरकार द्वारा लगाए जाने वाले चिन्हों से है। यह चिह्न सार्वजनिक स्थानों की पहचानने में व उनके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करते हैं और सुरक्षा एवं सुविधा सुनिश्चित करने का कार्य करते हैं।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 434 के अंतर्गत लोक प्राधिकारी द्वारा लगाए गए भूमि चिह्न को नष्ट करने या हटाने जैसे अपराधों के लिए 1 साल के कारावास या आर्थिक दंड के रूप में एक हजार रुपए तक का जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
लोक प्राधिकारी द्वारा लगाए गए भूमि चिह्न को नष्ट करना या हटाना |
दण्ड |
1 साल के कारावास या आर्थिक दंड के रूप में एक हजार रुपए तक का जुर्माना अथवा दोनों |
अपराध श्रेणी |
गैर-संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य) |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 434 के अंतर्गत किये जाने अपराधों को गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के भी जाँच शुरू नहीं कर सकती है यही नहीं ऐसे मामलों में किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 434 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को किसी भी श्रेणी के समक्ष पेश किया जाता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 434 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 434 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
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Triable By | |