भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 329 संपत्ति या मूल्यवान वस्तु हथियाने के लिए किये जाने वाले अपराधों के बारे में संज्ञान लेती है। ऐसे अपराधों से कभी-कभी किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंच सकती है यही नहीं मानव जीवन पर भी खतरा आ सकता है, इसलिए ऐसे अपराधों को गंभीर अपराध में शामिल किया जाता है। ऐसे अपराध समाज में डर और विश्ववासघात जैसी भावनाओं को बढ़ावा देते है। धारा 329 इस तरह के अपराधों के बारे सजा का प्रावधान करती हैं।
भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 329 के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति या मूल्यवान वस्तु हथियाने के लिए स्वेच्छा से उस व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है या फिर किसी प्रकार का अवैध कार्य कराने को मजबूर करता है, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 329 के अंतर्गत किसी की संपत्ति या मूल्यवान वस्तु हथियाने के लिए स्वेच्छा से किसी को अवैध कार्य कराने को मजबूर करने या गंभीर चोट पहुंचाने के अपराधों के लिए आजीवन कारावास या 10 साल का कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
किसी की संपत्ति या मूल्यवान वस्तु हथियाने के लिए स्वेच्छा से किसी को अवैध कार्य कराने को मजबूर करना या गंभीर चोट पहुंचाना |
दण्ड |
आजीवन कारावास या 10 साल का कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय अपराध |
जमानत |
गैर-जमानतीय |
विचारणीय |
सत्र न्यायालय के द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 329 के अंतर्गत किये जाने वाले ठगी के अपराधों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 329 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जाता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 329 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 329 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
Cognizance | |
Bail | |
Triable By | |