भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 317 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो कि 12 साल की कम आयु के शिशु के बारे में संज्ञान लेती है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य छोटे आयु के बच्चों की रक्षा करना है। यह धारा समाज के लोगों को बच्चों के प्रति जिम्मेदार बनाता है और बच्चों को बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए प्रेरित करती है। इस तरह के अपराधों से बचने के लिए लोगों को इस धारा के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहिए।
भारतीय दंड संहिता की धारा 317 के अनुसार, यदि कोई किसी शिशु जिसकी आयु बारह साल से कम हो, के माता-पिता होते हुए या फिर उस शिशु के देखरेख का भार सँभालते हुए, उस शिशु को पूर्णतः परित्याग करने के आशय से कोई कार्य करता है, जो कि उस शिशु को किसी स्थान में अरक्षित स्थिति में डाल दे या छोड़ दे, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 317 के अंतर्गत, माता-पिता या उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु को परित्याग और अरक्षित स्थिति में डालने अथवा छोड़ने जैसे अपराधों के लिए सात साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
अपराध |
माता-पिता या उसकी देखरेख करने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु को परित्याग और अरक्षित स्थिति में डालना या छोड़ना |
दण्ड |
7 साल का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं) |
जमानत |
गैर-जमानतीय |
विचारणीय |
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 317 के अंतर्गत किये जाने वाले सभी अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 317 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को प्रथम श्रेणी के समक्ष पेश किया जाता है। इस तरह के अपराधों में समझौता करना सम्भव नहीं होता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 317 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 317 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं आ पाएगा।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
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Triable By | |