भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 286 में आग और ज्वलनशील पदार्थों से जुड़े खतरनाक आचरणों के प्रति संज्ञान देखने को मिलता है। यह धारा बेहद महत्वपूर्ण धारा है, जो आग और ज्वलनशील पदार्थों के सही इस्तेमाल की महत्वपूर्ण विधियों को निर्धारित करती है। इस धारा के अनुसार, विस्फोटक पदार्थों के उपेक्षापूर्ण आचरण का कड़ा से कड़ा निर्धारण किया गया है ताकि सामाजिक सुरक्षा और सामंजस्य में सुरक्षिती बनाए रखा जा सके। यह समझना जरूरी है कि ऐसे पदार्थों का गलत उपयोग समाज को जोखिम में डाल सकता है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन की सुरक्षा करना है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 286 के अनुसार, जो कोई व्यक्ति किसी विस्फोटक पदार्थ से, उतावलेपन में या उपेक्षापूर्वक कोई ऐसा कार्य करेगा, जिससे किसी मानव जीवन पर संकटा उत्पन्न हो जाए या फिर किसी अन्य व्यक्ति का उपहति या क्षति कारित करने की सम्भवना हो अथवा यदि कोई व्यक्ति अपने कब्जे में की किसी विस्फोटक पदार्थ का यह जानते हुए भी उपेक्षापूर्वक लोप कर देता है कि वह पदार्थ मानव जीवन को अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त होगा, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 286 के अंतर्गत विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण करने जैसे अपराधों के लिए छह महीने का कारावास या आर्थिक दंड के रूप में एक हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।
अपराध |
विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण करना |
दण्ड |
6 महीने का कारावास या आर्थिक दंड के रूप में एक हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों |
अपराध श्रेणी |
संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं) |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 286 के अंतर्गत किया गया अपराध एक संज्ञेय अपराध है, यानि जिस भी व्यक्ति को इसके बारे में पता हो, वह व्यक्ति पुलिस को इसके बारे में सूचना दे सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 286 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को किसी भी श्रेणी के समक्ष पेश किया जाता है। ऐसे अपराधों में समझौता करने की कोई सम्भवना नहीं होती है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 286 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 286 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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