223 IPC in Hindi | धारा 223 क्या है?

223 IPC in Hindi

223 IPC in Hindi

भारतीय दण्ड संहिता (IPC), 1860 की धारा 223 लोक सेवक की लापरवाहियों के बारे में संज्ञान लेती है। यह धारा समाज में न्याय और सजागता की भावना को बढ़ावा देती है। यह धारा लोक सेवकों को सही तरीके से अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्य का सच्चाई और ईमानदारी से निर्वहन करने के लिए प्रेरित करती है ताकि समाज को सच्ची सेवा मिल सके और विकास में रुकावटें ना आए और ऐसा न करने पर उसे दंड का सामना करना पड़ सकता है।

धारा 223 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के अंतर्गत, यदि किसी व्यक्ति जो लोक सेवक के पद पर कार्य करते हुए अपनी उपेक्षा या लापहरवाही से ऐसे किसी व्यक्ति का परिरोध में से निकल भागना सहन करेगा, जो कि किसी अपराध के लिए अभिरक्षा में रखे जाने के लिए विधिपूर्वक सुपुर्द किया गया हो या आरोपित या दोषसिद्ध हो या फिर वैध रूप से परिरोध में रखने के लिए आबद्ध हो, तो ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति भी भारतीय कानून के अनुसार अपराधी माना जाएगा।

धारा 223 के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 223 के अंतर्गत लोक सेवक की उपेक्षा या लापरवाही द्वारा परिरोध या अभिरक्षा में से निकल भागना सहन करने जैसे अपराधों के लिए 2 साल के कारावास या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान किया गया है।

अपराध

लोक सेवक की उपेक्षा या लापरवाही द्वारा परिरोध या अभिरक्षा में से निकल भागना सहन करना

दण्ड

2 साल के कारावास या आर्थिक दंड के रूप में का जुर्माना अथवा दोनों

अपराध श्रेणी

गैर-संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

जमानत

जमानतीय

विचारणीय

किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 223 की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 223 के अंतर्गत किये जाने अपराधों को गैर-संज्ञेय/असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के भी जाँच शुरू नहीं कर सकती है यही नहीं ऐसे मामलों में किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए भी वारंट की आवश्यकता होती है। धारा 223 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों को किसी भी श्रेणी के समक्ष पेश किया जाता है। ऐसे अपराधों में समझौता करने की कोई सम्भवना नहीं होती है।

धारा 223 के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 223 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 223 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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