भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 की धारा 166 के अंतर्गत, लोक सेवक द्वारा आदेशों का अनादर करने का विवरण दिया गया है। किसी व्यक्ति को किसी भी तरह की क्षति पहुँचाने का इरादे से लोक सेवक के आदेशों का उल्लंघन करता है, तो इसके लिए व्यक्ति को कड़ी सजा होगी।
इस धारा का उल्लंघन गंभीर होता है और यह समाज में आदेशों का महत्वपूर्ण स्थान बनाए रखने का हिस्सा है। यह धारा उन लोगों के खिलाफ है जो इस प्रकार के आदेशों का अनुपालन नहीं करते और समाज में अनियमितता को बढ़ावा देते हैं।
इसके अलावा, यह धारा यह भी सुनिश्चित करने का कार्य करती है कि लोक सेवक अपने आदेशों को समय पर और सही रूप से प्रचारित करें।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 166 के अंतर्गत, यदि कोई लोक सेवक के पद पर कार्यरत होते हुए विधि से संबंधित किसी ऐसे निदेश की अवज्ञा करता है, जो कि उस ढंग के बारे में हो जिस ढंग से लोक सेवक के नाते उसे आचरण करना है और वह यह भी जानता हो कि ऐसी अवज्ञा करने से उसके द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँच सकती है, तो वह व्यक्ति भी भारतीय कानून के अंतर्गत अपराधी माना जाएगा।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 166 के अंतर्गत,
लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करने के परिणामस्वरूप अपराधी के लिए एक वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों प्रकार की सजाओं का प्रावधान है।
अपराध |
लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करना। |
दण्ड |
एक वर्ष का कारावास या आर्थिक दण्ड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों। |
अपराध श्रेणी |
गैर-संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं) |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 166 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना जाँच करने का अधिकार नहीं है और बिना वारंट के पुलिस अपराधी को गिरफ्तार भी नहीं कर सकती है। धारा 166 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों का ट्रायल प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा सकता है। इस तरह के मामलों में समझौता करना सम्भव नहीं है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 166 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 166 के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर आ सकता है।
Offence | Punishment | Cognizance | Bail | Triable By |
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Offence | |
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Punishment | |
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