153a IPC in Hindi | धारा 153a क्या है?

153a IPC in Hindi

153a IPC in Hindi

भारतीय दंड सहित (IPC) की धारा 153a समाज में विभिन्न समूहों के मध्य दुश्मनी को बढ़ावा देने के बारे में प्रावधान करती है। समाज में किसी भी प्रकार के समूह के बीच तनावपूर्ण स्तिथि प्रकट करना एक गंभीर अपराध है और इससे समाज में असुरक्षा का माहौल उत्पन्न होता है। ऐसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए धारा 153a में अपराधियों के लिए कठिन सजाओं का प्रावधान किया गया है।

धारा 153a क्या है?

भारतीय दंड सहित (IPC) की धारा 153a के अनुसार,

  1. यदि कोई व्यक्ति निम्नलिखित प्रकार से विभिन्न समूहों/वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देता है, तो वह अपराधी माना जाएगा।
  1. यदि कोई व्यक्ति बोले गए या लिखे गए शब्दों, संकेतों या चित्र/तस्वीर द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषायी या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर लड़ाई-झगड़ा अथवा दुश्मनी, तनावपूर्ण स्तिथि उत्पन्न करेगा या ऐसा करने का प्रयत्न करेगा, अथवा
  2.  कोई ऐसा कार्य करेगा, जो विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच तनावपूर्ण स्तिथि उत्पन्न करे और जो लोक-शान्ति में बाधा बने, अथवा
  3. कोई व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह कोई ऐसा आन्दोलन अथवा क्रियाकलाप संचालित करता है, जो कि किसी धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूह या जाति या समुदाय के विरुद्ध आपराधिक बल या हिंसा का इस्तेमाल करे, जिससे उनके बीच भय या असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो।
  1. यदि कोई व्यक्ति पूजा के स्थान पर किसी धार्मिक कर्म करने वाले व्यक्ति या समूहों के मध्य लड़ाई-झगड़ा अथवा दुश्मनी, तनावपूर्ण स्तिथि उत्पन्न करता है या ऐसा करने की कोशिश करता है तो वह भी धारा 153a के अंतर्गत अपराधी घोषित किया जाएगा।

धारा 153a के अंतर्गत सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153a के अंतर्गत किए गए आरोपों को गंभीर आरोपों की श्रेणी में शामिल किया जाता है। इसमें से किसी सामान्य समूहों/वर्गों के बीच लड़ाई-झगड़ा या तनाव की स्तिथि उत्पन्न करने के लिए 3 साल का कारावास या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति पूजा के स्थान पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देत है, तो ऐसे अपराधी के लिए 5 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माने का प्रावधान है।

अपराध

दंड

अपराध श्रेणी

जमानत

विचारणीय

विभिन्न समूहों/वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना

3 साल का कारावास या आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना अथवा दोनों

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

गैर-जमानतीय

प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

पूजा के स्थान आदि पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना

5 साल के कारावास के साथ आर्थिक दंड के रूप में जुर्माना

संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य नहीं)

गैर-जमानतीय

प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय

धारा 153a की अपराध श्रेणी

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153a के अंतर्गत किए गए सभी अपराध एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं। इस धारा के अंतर्गत आने वाले अपराधों में जिसे भी इस अपराध के बारे में पता लगे वह व्यक्ति पुलिस को सूचित कर सकता है। इस प्रकार के मामलों में पुलिस अदालत की अनुमति के बिना भी जाँच शुरू कर सकती है और बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। धारा 153a के अंतर्गत दर्ज किए गए मामले में प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होते है। इस प्रकार के अपराधों में समझौता करना सम्भव नहीं है। 

धारा 153a के अंतर्गत जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153a के अंतर्गत किए गए सभी अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 153a के किसी मामले में गिरफ्तार किया जाता है, तो वह तुरंत जमानत पर बाहर नहीं पाएगा।

Offence Punishment Cognizance Bail Triable By
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