Date : 03 Jan, 2024
Post By स्पर्श गोयल
धारा 504 भारतीय दंड संहिता का हिस्सा है जो आमतौर पर उन मामलों में प्रयोग की जाती है जहाँ किसी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को भद्दा या अशोभनीय तरीके से बोला या उसे अपमानित किया हो। धारा 504 का प्रयोग अक्सर ऐसे मामलों में होता है जहां व्यक्ति अपने शब्दों या कृत्यों से दूसरे को भद्दा या अशोभनीय तरीके से अपमानित होने से रक्षा करती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (IPC Section 504) के अनुसार, वह व्यक्ति अपराधी माना जाता है, जो किसी भी व्यक्ति को जानबूझकर उकसाने के इरादे से सामने वाले व्यक्ति का अपमान करता है, या फिर किसी व्यक्ति की लोकशांति भंग करने के लिए उस व्यक्ति को उकसाने की कोशिश करता है। धारा 504 के अंतर्गत, 'अपमान' शब्द से तात्पर्य ऐसे शब्दों से होता है, जो किसी व्यक्ति की गरिमा और उसके मन-सम्मान को आहत कर सकते हैं।
भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति अपराधी पाया जाता है, तो उस अपराधी को दंड के रूप में दो वर्ष तक की अवधि के कारावास की सजा या आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों सजाओं का प्रावधान है।
अपराध |
शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना |
दंड |
2 साल वर्ष का कारावास, या जुर्माना या दोनों |
अपराध श्रेणी |
गैर-संज्ञेय अपराध (समझौता करने योग्य) |
जमानत |
जमानतीय |
विचारणीय |
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय |
भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के अंतर्गत किया गया अपराध एक गैर-संज्ञेय अपराध है। इस प्रकार के अपराध किसी भी श्रेणी वाले मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय होते हैं। साथ ही इस प्रकार के अपराधों में दोनों पक्षों की सहमति से समझौता भी किया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के अंतर्गत किए गए सभी अपराध जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, यानि अगर कोई व्यक्ति धारा 504 के अधीन अपराधी माना जाता है, तो गिरफ्तार किए जाने पर अपराधी को जमानत मिल सकती है।